कांटे तो नसीब में आने ही थे ।
फूल जो हमने गुलाब का चुना था ।
नफरत करनी हर किसी को नहीं आती,ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है.. !!
नफरत करनी हर किसी को नहीं आती,
ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है.. !!
जिस की आँखों में कटी थीं
सदियाँ उस ने सदियों की जुदाई दी है
कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें
उदास होने का कोई सबब नहीं होता
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा