शहर भर मेँ एक ही पहचान है ‘हमारी’
सुर्ख आँखे,गुस्सैल चेहरा और नवाबी अदायेँ’
आप की याद आती रही रात भर
चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
रात के शायद एक बजे हैं
सोता होगा मेरा चाँद
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
"सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है "