कागज पर गम को उतारने के अंदाज ना होते…
मर ही गये होते अगर शायरी के अल्फाज ना होते…
लौटकर आया हूँ फिर से मैदान मै?
अंदाज वही है सिर्फ तरीका बदल गया है!
हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,
जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा.
जवाब रखे रखे सवाल हो गए,अब तो खुद से मिले कई साल हो गए !!🍂🍁
जवाब रखे रखे सवाल हो गए,
अब तो खुद से मिले कई साल हो गए !!🍂🍁
जिस्म छू के तो सब गुज़रते हैं,रूह छूता है कोई हजारों में…
नजरिया देखने का नज़र में हो,तभी कुछ सुंदर नज़र आता है lवरना आइना को क्या पता,हर आँख को ख्वाब कैसे आता है l