हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,
जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा.
माँ-बेटी के रिश्ते की बस यही सच्चाई है,बेटी को देखा तो लगा "माँ" की परछाई है l
अब तो इस राह से वो शख़्स गुज़रता भी नहीं
अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई
लोगों का क्या है,
ये दुनिया हैं यहाँ अपने हाथों की लकीरें भी बदल जाती हैं
साहब.
गुड मॉर्निंग
ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है
पाया नहीं है जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते