आदत नहीं पीठ पीछे बुराई करने की
दो लफ्ज़ कम बोलता हूं पर सामने बोलता हूं ।
है तेरा जिस्म किसी और की बाहों के लिए,तू तो एक ख़्वाब है बस मेरी निगाहों के लिए!
माँ-बेटी के रिश्ते की बस यही सच्चाई है,बेटी को देखा तो लगा "माँ" की परछाई है l
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं
बोतलें खोल कर तो पी बरसों
आज दिल खोल कर भी पी जाए