हर खामोशी का मतलब इंकार नहीं होता,हर नाकयाबि का मतलब हार नही होता,तो क्या हुआ अगर तुम्हें हम पा ना सके,सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता,
हर खामोशी का मतलब इंकार नहीं होता,
हर नाकयाबि का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर तुम्हें हम पा ना सके,
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता,
कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन है!
हर रंग तुझ पर आकर निखर जाता है,तुमसे मिलना भी मेरा त्यौहार हो जाता है l
कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए
क्या हुआ?
जरा सी कैद में घुटन होने लगी?तुम तो परिंदे पालने के बहुत शौकीन थे..