इश्क़ करने से पहले, आ बैठ फैसला कर लें सुकूँ किसके हिस्से होगा, बेक़रारी किसके हिस्से
इश्क़ करने से पहले, आ बैठ फैसला कर लें
सुकूँ किसके हिस्से होगा, बेक़रारी किसके हिस्से
वहां तक चले चलो जहाँ तक साथ मुमकिन है,
जहाँ हालात बदलेंगे वहां तुम भी बदल जाना।
लम्हो में बदल जाते हैं मौसम के तेवर…
कुदरत की नजाकत भी हसीनो से कम नहीं!
यूं तो आपस में बिगड़ते हैं ख़फ़ा होते हैंमिलने वाले कहीं उल्फ़त में जुदा होते हैं
झूठ के साथ तेरे साथ रहे,तो इश्क़ गुनाह हो जायेगा,इस लिए बेहतर होगा,सच के साथ जुदा हो जायेंगे l
हमारी राहों में रुकावट बनाने वालों
खुद की मंजिल हुई गवा बैठोगे