छोड़ ज़माने का चिंता,तुझ में लिपट जाने को दिल करता हैlरोक जाये ये पल,तुझ में सिमट जाने को दिल करता है l
ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं
अक्सर औकात की बात वही किया करते है,
जो कायर हमेशा झुंड में चला करते हैं
सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी,
अब किधर मिलोगे, पागलखाने या मैखाने
पीने पिलाने की क्या बात करते हो,
कभी हम भी पिया करते थे,
जितनी तुम जाम में लिए बैठे हो,
उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे!!
तुम्हारे प्यार का मौसम
हर मौसम से प्यारा है