हालात बुरे थे मगर रखती थी अमीर बनाकर..हम गरीब थे, ये बस हमारी माँ जानती थी...
लोग हमारे बारे में क्या सोचते है?अगर ये भी हम सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे?
घर बड़ा हो या छोटा अगर मिठास ना हो तो इंसान तो क्या चीटियां भी नहीं आती|
इंसानियत तो हमने "ब्लड बैंक" से सीखी है साहब,जहाँ बोतलों पर "मजहब" नहीं लिखा जाता|
उदास रहता है मोहल्ले में बारिश का पानी आजकलसुना है कागज की नाव बनाने वाले बड़े हो गए..
आज का सुविचारइंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये ज़रूरी हैं.डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम