तू जिसे इतनी हसीं
चीज़ समझता है वो फूल
सूख जाए तो
निगाहों को बुरा लगता है
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में;
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता
इश्क का होना भी लाजमी है शायरी के लिये..कलम लिखती तो दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता।
चुपचाप गुजार देंगे तेरे बिना भी ये जिंदगी,लोगो को सिखा देंगे मोहब्बत ऐसे भी होती है|
तेरे इश्क का कितना हसीन एहसास है,लगता है जैसे तू हर पल मेरे पास है,मोहब्बत तेरी दीवानगी बन चुकी है मेरी,अब जिंदगी की आरज़ू सिर्फ तुम्हारे साथ है|
जिंदगी यूं ही बहुत कम है मोहब्बत के लिए;रूठ कर वक़्त गवाने की ज़रुरत क्या है !