हुकुमत वो ही करता है जिसका दिलो पर राज हो!!
वरना यूँ तो गली के मुर्गो के सर पे भी ताज होता है!!
शक से भी अक्सर खत्म हो जाते है कुछ रिश्ते कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता|
होने लगा है हिसाब, नफे और नुकसान का ....मासूम सी मोहब्ब़त, व्यापार हो गई ...!!
टूट कर बिखर जाते है वो लोग मिट्टी की दीवारों की तरह, जो खुद से भी ज्यादा किसी ओर से मोहब्बत किया करते है|
ज़रा सी रंजिश पर ,ना छोड़,किसी अपने का दामनज़िंदगी बीत जाती हैअपनो को अपना बनाने में..!