उनकी चाहत हमसे बयां ना हो पाई,
थक गए हम शायरी करते-करते...!!
ZINDAGI MEI KISI KA SATH KAFI HAI
HATHO MEI KISI KA HATH KAFI HAI,
DUR HO YA PAAS FARK NHI PADTA
PYAR KA TO BS EHSAS HI KAFI HAI...
असल में वही
जीवन की चाल समझता है …
जो सफ़र में
धूल को गुलाल समझता है ..!
कल रात मैंने अपने सारे ग़म,
कमरे की दीवार पर लिख डाले,
बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही