हार को जीत की इक दुआ मिल गईतप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गईआप आये श्रीमान जी यूँ लगाजैसे तकलीफ़ को कुछ दवा मिल गई।
हार को जीत की इक दुआ मिल गई
तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई
आप आये श्रीमान जी यूँ लगा
जैसे तकलीफ़ को कुछ दवा मिल गई।
आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगाजाने वाले तो हमें याद बहुत आएगा
आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा
जाने वाले तो हमें याद बहुत आएगा
कुछ तो धड़कता है ,रूक रूक कर मेरे सीने में ..
अब खुदा ही जाने, तेरी याद है या मेरा दिल......
मेरी इबादतों को ऐसे कर कबूल ऐ मेरे खुदा,
के सजदे में मैं झुकूं तो मुझसे जुड़े हर रिश्ते की जिंदगी संवर जाए..!!
उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,
मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …