तस्वीर मैंने मांगी थी शोख़ी तो देखिये,इक फूल उसने भेज दिया है गुलाब का !
तस्वीर मैंने मांगी थी शोख़ी तो देखिये,
इक फूल उसने भेज दिया है गुलाब का !
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर हैं राखी
प्यार और मीठी शरारतों की होड़ हैं राखी
भाई की लम्बी उम्र की दुआ हैं राखी
बहन के प्यार का पवित्र धुआं हैं राखी
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
ज़ुल्म इतना ना कर के लोग कहे तुझे दुश्मन मेरा…!!
हमने ज़माने को तुझे अपनी “ जान ” बता रक्खा है…!!
लगता है मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर …
मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी यूँ ही तो नहीं है …
Hasai to hasi lav,
Radai to radi lav,
Sangraam chhe jindagi,
Ladai to ladi lav.