आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
होठों से हम कुछ कह नहीं सकते,
कैसे बयाँ करे हम आपको ये दिल-ए-हाल,
की तुम ही हो जिसके बैगेर हम रह नहीं सकते.
मेरे आंसुओं में तू ही छुपी रहती हैं,
रोज आंखों से तू ही तो बरसती हैं,
किसी गुलाब की बेटी है तू शायद,
इसलिए मुरझाकर भी महकती हैं.
लफ्जों की तरह तुझे किताबों में मिलेंगे
बन के महक तुझे गुलाबों में मिलेंगे,
खुद को कभी अकेला मत समझना,
हम तुझे तेरे दिल में या तेरे ख्यालों में मिलेंगे.
मेरी दीवानगी की कोई हद नहीं,
तेरी सूरत के सिवा मुझे कुछ याद नहीं,
मैं गुलाब हूँ तेरे गुलशन का,
तेरे सिवाएं मुझ पर किसी का हक़ नहीं.
फिर उम्मीदों भरी सुबह आई
सूरज को साथ ले आई
हमारी दोस्ती काा ये असर भी तो देखो
हवाएं आपको गुड मॉर्निंग कहने आई
लफ़्ज़ों में क्या तारीफ़ करूँ आपकी,
आप लफ़्ज़ों में कैसे समा पाओगे,
जब लोग हमारे प्यार के बारे में पूछेंगे,
मेरी आँखों में जानेमन सिर्फ तुम नज़र आओगे।
“Happy Valentine’s Day Sweetheart”