आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
होठों से हम कुछ कह नहीं सकते,
कैसे बयाँ करे हम आपको ये दिल-ए-हाल,
की तुम ही हो जिसके बैगेर हम रह नहीं सकते.
मेरे आंसुओं में तू ही छुपी रहती हैं,
रोज आंखों से तू ही तो बरसती हैं,
किसी गुलाब की बेटी है तू शायद,
इसलिए मुरझाकर भी महकती हैं.
फूलों पर जैसे पड़ती बारिश की बौछार है
चमकने को जैसे फूल भी तैयार है
उसी तरह मेरा दिल भी बेकरार है
तु ही बता में क्यु ना कहु की तुझसे कितना प्यार है
फिर उम्मीदों भरी सुबह आई
सूरज को साथ ले आई
हमारी दोस्ती काा ये असर भी तो देखो
हवाएं आपको गुड मॉर्निंग कहने आई
ये मेरी मोहब्बत थी की दीवानगी की इंतिहा, तेरे करीब से गुजर गया तेरे ही ख़यालो में!!
मेरी जिंदगी मै खुशियां तेरे बहाने से है, आधी तुझे सताने से है आधी तुझे मनाने से है.
मेरे बस में नहीं अब हाल-ए-दिल बयां करना,
बस ये समझ लो, लफ्ज कम मोहब्बत ज्यादा है..
हैप्पी वैलेंटाइन डे