आप आए तो बहारों ने लुटाई ख़ुश्बू
फूल तो फूल थे काँटों से भी आई ख़ुश्बू
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं, वैसे तो…!!
दीवारों पर भी ” Welcome ” लिखा होता हैं…
हसरतो ने फिर से करवट बदली है,आप आये तो बलखा के बहारें आईं।
इस उम्मीद के साथभुलाके सारे गम,इस आयोजन काआओ हम करें Welcome.
दिल को सुकून मिलता है मुस्कुराने से,महफ़िल में रौनक छा गई आपके आने से.
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी