राम भी उसका रावण उसकाजीवन उसका मरण भी उसका..तांडव है और ध्यान भी वो है,अज्ञानी का ज्ञान भी वो है..
हजारो गम है सीने मे मगर शिकवा करें किससे… इधर दिल है तो अपना है… उधर तुम हो तो अपने हो…
जिंदगी में अपनेपन का पौधा लगाने से पहले जमीन परख लेना हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती|
ॐ नमः शिवायआप सभी को सावन की शुभकामनाए..