वह खुली किताब थीऔर मैं अनपढ़..
जिंदगी में अपनेपन का पौधा लगाने से पहले जमीन परख लेना हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती|
बड़ी अजीब मुलाकाते होती थी हमारी;वो मतलब से मिलते थे. और हमें मिलने से मतलब था!