एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
जिंदगी में अपनेपन का पौधा लगाने से पहले जमीन परख लेना हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती|
बड़ी अजीब मुलाकाते होती थी हमारी;वो मतलब से मिलते थे. और हमें मिलने से मतलब था!