क्या बात है,
बड़े चुपचाप से बैठे हो.
कोई बात दिल पे लगी है
या दिल कही लगा बैठे हो...
तू पास नहीं तो क्या हुआ मोहब्बत तो हम तेरी दूरियों से भी करते है|
छुपाने लगा हूँ आजकल कुछ राज अपने आप से, सुना है कुछ लोग... मुझको मुझसे ज्यादा जानने लगे है..
फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी,ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर संवर जायेगी,थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे,ये ज़िंदगी ठहरेगी नहीं जो गुज़र जायेगी।
ये वादा है हमारा ना छोड़ेंगे साथ तुम्हाराजो गए तुम हमको भूल करले आएंगे पकड़ कर हाथ तुम्हारा !!!
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा