चाहता कौन है बेवफ़ायी करना
उसने परिवार सम्भाला होगा
यही सोच कर समझाता हूँ ख़ुदको
मजबूर होकर मुझे दिल से निकाला होगा
उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में,छोटी सी जिंदगी है नफ़रत कब तक करोगे !!
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो,प्यार का तालुक भी अजीब होता है,आंसू मेरे थे सिसक रहा था वो..
आज किसी की दुआ की कमी है,तभी तो हमारी आँखों में नमी है,कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..
सफलता हमारा परिचय दुनिया को करवाती है
और असफलता हमें दुनिया का परिचय करवाती है|