तू जिसे इतनी हसीं
चीज़ समझता है वो फूल
सूख जाए तो
निगाहों को बुरा लगता है
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपनेधड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
चुपचाप गुजार देंगे तेरे बिना भी ये जिंदगी,लोगो को सिखा देंगे मोहब्बत ऐसे भी होती है|
जिंदगी यूं ही बहुत कम है मोहब्बत के लिए;रूठ कर वक़्त गवाने की ज़रुरत क्या है !