हाथ पर घड़ी कोईभी बँधी हो,
लेकिन वक़्त अपनाहोना चाहिए!!
आहिस्ता आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ