फूल है गुलाब का चमेली मत समझ लेनागर्लफ्रेंड है मेरी अपना मत समझ लेना
फूल है गुलाब का चमेली मत समझ लेना
गर्लफ्रेंड है मेरी अपना मत समझ लेना
दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है
सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
अपना समझो या बेगाना,
हमारा आपका हैं रिश्ता पुराना,
इसलिए मेरा फ़र्ज हैं आपको बताना,
ठंड आ गयी हैं, कृपया रोज मत नहाना.
ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे,
जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो,
पर रजाई न दे पायेंगे....
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है
दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है.....