बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है
दस्तक और आवाज तो कानों के लिए है…
जो रुह को सुनाई दे उसे खामोशी कहते हैं!
जब भरोषा टूट जाता है तब sorry,
का कोई मतलब नहीं होता...!!
उठना, गिरना ,संभलना चलता रहता है ,यही ज़िन्दगी है ज़नाब !सांसो का आना जाना जब तक है ,हंसना ,रोना ,मुस्कुराना चलता रहता है l
बातों ही बातों में कोई बात बुरी लग जाती है,इस लिए वो महीने में कई बार मुझसे लड़ जाती है lपूछता हूँ कि बात क्या है.. उसे भी याद नहीं,नाराज़ होती है फिर बात उसे कहाँ याद रह जाती है l
"मिले ना मिले कहीं, उसके साथ चलना है,जैसे चलती दो पटरियाँ, वैसे साथ रहना है l"