कांटे तो नसीब में आने ही थे ।
फूल जो हमने गुलाब का चुना था ।
किसी को डर है इंसान का,
तो किसी को हैवान का .
कोई इससे नहीं बचता ,
डर थोडा-थोडा सबको लगता.
अंधेरों का डर यहाँ किस को है….
डर तो उसका है जो उजालो में ना हो सका!
आपकी वफ़ा हमेशा मुझपर उधार रहेगीमेरी ज़िंदगी आपकी मुस्कुराहट पर निसार रहेगीदिया है आपने इतना प्यार मुझेकी मर कर भी मेरी ज़िंदगी आपकी कर्ज़दार रहेगी
आपकी वफ़ा हमेशा मुझपर उधार रहेगी
मेरी ज़िंदगी आपकी मुस्कुराहट पर निसार रहेगी
दिया है आपने इतना प्यार मुझे
की मर कर भी मेरी ज़िंदगी आपकी कर्ज़दार रहेगी
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
साँसों में तेरी खुशबु है, दिल में तू धड़कती है,
कैसे बताऊ तुझको मैं, तू कितना याद आती है।