Tum Ek Kasam Nibhane
Se Dar„Gayi,
Mujhe Teri Kasam De Kar
Hazaro Ne Luta.
तेरे बाद कुछ यूं मोहब्बत निभाई है मैंने,
तुम नहीं कोई नहीं कसम खाई है मैंने!
मेरी चिल्लाने की आवाज़ मैं खुद नही सुन पाया,नज़र में ये था की नाटक ना समझ ले l
तुम्हें अपने आँगन के पेड़ की,याद नहीं आती..खिड़की पे जो मिलती थी नज़र,वो एहसास आँखों में नहीं आती l
Aur na aaye toh sab kuchh yaad dila deti hain.
Goodnight Shayari
ऐसा नही की आपकी याद आती नही,ख़ता सिर्फ़ इतनी है के हम बताते नही!