कांटों से घिरा रहता है चारों तरफ से फूल
फिर भी खिला रहता है, क्या खुशमिजाज़ है
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…
जब भी जाता हूँ कहने,जुबाँ कुछ कँहा बोल पाता है lबस रहती है नज़र में नज़र,कहना-सुनना तो यूँ ही हो जाता है l
हाल-ए-दिल यार को लिखूँ क्यूँकर
हाथ दिल से जुदा नहीं होता
तुम हमारे किसी तरह न हुए
वार्ना दुनिया में क्या नहीं होता
किसी भी पल तुम्हें , आज भी भुला नहीं जाता,
ये बात अलग है , अब तुम्हें बताता नहीं जाता,
मैसेज टाइप कर , करता हूँ डिलीट बार-बार,
ना जाने क्यों अब ये सेंड बटन, दबाया नहीं जाता l❤❤