तेरी यादें भी किसी क़हर से कम नहीं,
रोज़ आती हैं इक नई तबाही लेकर…
वो फिर मुझे याद आने लगे हैं,
जिन्हे भूलने में जमाने लगे हैं!
तुम्हारा याद
आना भी कमाल होता है,
कभी तो आकर देखो क्या
हाल होता है !!
मैंने अपने दिल
से पूछा की वादें और
यादें में क्या फर्क है,
जवाब मिला की वादें
इंसान तोड़ते है और
यादें इंसान को !!
कुछ वादे टूट जाते हैं
बस बातें रह जाती हैं
मिलने वाले बिछड़ जाते हैं
और यादें रह जाती हैं
किसी को किसी से मिलाती हैं यादें
दूरियों की दूरी मिटाती हैं यादें
किसी को होश में लाती हैं और
किसी को पागल बनाती हैं यादें