ज़िक्र और
फ़िक्र करना छोड़ दो,
समझदार होगा तो आएगा
वरना भाड़ में जाएगा !!
महोब्बत की महफ़िल में आज मेरा
ज़िक्र है, अभी तक हूं याद में उसको
खुदा का शुक्र है।
तेरी ही यादे है दिल में,
तेरा ही ज़िक्र है जुबा पे,
मैं कहता हूं ये इश्क है और
तू कहती
है बस फ़िक्र है।