पूछना तो बहुत कुछ है तुझसे ए जिंदगी !!
बस बयां करने का तरीका ढूंढ रहा हूँ !!
मिली थी जिंदगी
किसी के काम आने के लिए,
पर वक़्त बीत रहा है,
कागज़ के टुकड़े कमाने के लिए।
ज़िन्दगी में ऐसे लोग भी होते है
जिन्हें हम पा नही सकते सिर्फ चाह सकते है
मुझे ज़िन्दगी का इतना तजुर्बा तो नही,
पर सुना है सादगी में लोग जीने नही देते..!!
मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर..!!
ऐ ज़िन्दगी मुझे कुछ मुश्कुराहते उधार दे दे,
अपने आ रहे है मिलने की रश्म निभानी है..!!